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Amos - आमोस

अध्याय : 1 2 3 4 5 6 7 8 9

01. हे बाशान की गायो, यह वचन सुनो, तुम जो सामरिया पर्वत पर हो, जो कंगालों पर अन्धेर करतीं, और दरिद्रों को कुचल डालती हो, और अपने अपने पति से कहती हो कि ला, दे हम पीएं!
02. परमेश्वर यहोवा अपनी पवित्रता की शपथ खाकर कहता है, देखो, तुम पर ऐसे दिन आने वाले हैं, कि तुम कटियाओं से, और तुम्हारी सन्तान मछली की बन्सियों खींच लिए जाएंगे।
03. और तुम बाड़े के नाकों से हो कर सीधी निकल जाओगी और हर्म्मोन में डाली जाआगी, यहोवा की यही वाणी है॥
04. बेतेल में आकर अपराध करो, और गिल्गाल में आकर बहुत से अपराध करो; अपने चढ़ावे भोर को, और अपने दशमांश हर तीसरे दिन ले आया करो;
05. धन्यवादबलि खमीर मिला कर चढ़ाओ, और अपने स्वेच्छा बलियों की चर्चा चला कर उनका प्रचार करो; क्योंकि हे इस्राएलियो, ऐसा करना तुम को भावता है, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है॥
06. मैं ने तुम्हारे सब नगरों में दांत की सफाई करा दी, और तुम्हारे सब स्थानों में रोटी की घटी की है, तौभी तुम मेरी ओर फिरकर न आए, यहोवा की यही वाणी है॥
07. और जब कटनी के तीन महीने रह गए, तब मैं ने तुम्हारे लिये वर्षा न की; मैं ने एक नगर में जल बरसा कर दूसरे में न बरसाया; एक खेत में जल बरसा, और दूसरा खेत जिस में न बरसा; वह सूख गया।
08. इसलिये दो तीन नगरों के लोग पानी पीने को मारे मारे फिरते हुए एक ही नगर में आए, परन्तु तृप्त न हुए; तौभी तुम मेरी ओर न फिरे, यहोवा की यही वाणी है॥
09. मैं ने तुम को लूह और गेरूई से मारा है; और जब तुम्हारी वाटिकाएं और दाख की बारियां, और अंजीर और जलपाई के वृक्ष बहुत हो गए, तब टिड्डियां उन्हें खा गईं; तौभी तुम मेरी ओर फिरकर न आए, यहोवा की यही वाणी है॥
10. मैं ने तुम्हारे बीच में मिस्र देश की सी मरी फैलाई; मैं ने तुम्हारे घोड़ों को छिनवा कर तुम्हारे जवानों को तलवार से घात करा दिया; और तुम्हारी छावनी की दुर्गन्ध तुम्हारे पास पहुंचाई; तौभी तुम मेरी ओर फिरकर न आए, यहोवा की यही वाणी है॥
11. मैं ने तुम में से कई एक को ऐसा उलट दिया, जैसे परमेश्वर ने सदोम और अमोरा को उलट दिया था, और तुम आग से निकाली हुई लुकटी के समान ठहरे; तौभी तुम मेरी ओर फिरकर न आए, यहोवा की यही वाणी है॥
12. इस कारण, हे इस्राएल, मैं तुझ से ऐसा ही करूंगा, और इसलिये कि मैं तुझ में यह काम करने पर हूं, हे इस्राएल, अपने परमेश्वर के साम्हने आने के लिये तैयार हो जा॥
13. देख, पहाड़ों का बनाने वाला और पवन का सिरजने वाला, और मनुष्य को उसके मन का विचार बताने वाला और भोर को अन्धकार करने वाला, और जो पृथ्वी के ऊंचे स्थानों पर चलने वाला है, उसी का नाम सेनाओं का परमेश्वर यहोवा है॥

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