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Zechariah - जकर्याह

अध्याय : 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14

01. उसी समय दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों के लिये पाप और मलिनता धोने के निमित्त एक बहता हुआ सोता होगा॥
02. और सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, कि उस समय मैं इस देश मे से मूर्तों के नाम मिटा डालूंगा, और वे फिर स्मरण में न रहेंगी; और मैं भविष्यद्वक्ताओं और अशुद्ध आत्मा को इस देश में से निकाल दूंगा।
03. और यदि कोई फिर भविष्यद्वाणी करे, तो उसके माता-पिता, जिन से वह उत्पन्न हुआ, उस से कहेंगे, तू जीवित न बचेगा, क्योंकि तू ने यहोवा के नाम से झूठ कहा है; सो जब वह भविष्यद्वाणी करे, तब उसके माता-पिता जिन से वह उत्पन्न हुआ उसको बेध डालेंगे।
04. उस समय हर एक भविष्यद्वक्ता भविष्यवाणी करते हुए अपने अपने दर्शन से लज्जित होंगे, और धोखा देने के लिये कम्बल का वस्त्र न पहिनेंगे,
05. वरन्तु वह कहेगा, मैं भविष्यद्वक्ता नहीं, किसान हूं; क्योंकि लड़कपन ही से मैं औरों का दास हूं।
06. तब उस से यह पूछा जाएगा, तेरी छाती पर ये घाव कैसे हुए, तब वह कहेगा, ये वे ही हैं जो मेरे प्रेमियों के घर में मुझे लगे हैं॥
07. सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, हे तलवार, मेरे ठहराए हुए चरवाहे के विरुद्ध अर्थात जो पुरूष मेरा स्वजाति है, उसके विरुद्ध चल। तू उस चरवाहे को काट, तब भेड़-बकरियां तितर-बितर हो जाएंगी; और बच्चों पर मैं अपने हाथ बढ़ाऊंगा।
08. यहोवा की यह भी वाणी है, कि इस देश के सारे निवासियों की दो तिहाई मार डाली जाएगी और बची हुई तिहाई उस में बनी रहेगी।
09. उस तिहाई को मैं आग में डाल कर ऐसा निर्मल करूंगा, जैसा रूपा निर्मल किया जाता है, और ऐसा जाचूंगा जैसा सोना जांचा जाता है। वे मुझ से प्रार्थना किया करेंगे, और मैं उनकी सुनूंगा। मैं उनके विषय में कहूंगा, ये मेरी प्रजा हैं, और वे मेरे विषय में कहेंगे, यहोवा हमारा परमेश्वर है॥

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