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1 Shamooael

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1और दाऊद सोचने लगा, अब मैं किसी न किसी दिन शाऊल के हाथ से नाश हो जाऊंगा; अब मेरे लिथे उत्तम यह है कि मैं पलिश्तियोंके देश में भाग जाऊं; तब शाऊल मेरे विषय निराश होगा, और मुझे इस्राएल के देश के किसी भाग में फिर न ढूढ़ेगा, योंमैं उसके हाथ से बच निकलूंगा।

2तब दाऊद अपके छ: सौ संगी पुरूषोंको लेकर चला गया, और गत के राजा माओक के पुत्र आकीश के पास गया।

3और दाऊद और उसके जन अपके अपके परिवार समेत गत में आकीश के पास रहने लगे। दाऊद तो अपक्की दो स्त्रियोंके साय, अर्यात्‌ यिज्रेली अहीनोअब, और नाबाल की स्त्री कर्मेली अबीगैल के साय रहा।

4जब शाऊल को यह समाचार मिला कि दाऊद गत को भाग गया है, तब उस ने उसे फिर कभी न ढूंढ़ा

5दाऊद ने आकीश से कहा, यदि मुझ पर तेरे अनुग्रह की दृष्टि हो, तो देश की किसी बस्ती में मुझे स्यान दिला दे जहां मैं रहूं; तेरा दास तेरे साय राजधनी में क्योंरहे?

6जब आकीश ने उसे उसी दिन सिकलग बस्ती दी; इस कारण से सिकलग आज के दिन तक यहूदा के राजाओं का बना है।।

7पलिश्तियोंके देश में रहते रहते दाऊद को एक वर्ष चार महीने बीत गए।

8और दाऊद ने अपके जनोंसमेत जाकर गशूरियों, गिजिर्यों, और अमालेकियोंपर चढ़ाई की; थे जातियां तो प्राचीन काल से उस देश में रहती यीं जो शूर के मार्ग में मिस्र देश तक है।

9दाऊद ने उस देश को नाश किया, और स्त्री पुरूष किसी को जीवित न छोड़ा, और भेड़-बकरी, गाय-बैल, गदहे, ऊंट, और वस्त्र लेकर लौटा, और आकीश के पास गया।

10आकीश ने पूछा, आज तुम ने चढ़ाई तोनहीं की? दाऊद ने कहा, हां, यहूदा यरहमेलियोंऔर केनियोंकी दक्खिन दिशा में।

11दाऊद ने स्त्री पुरूष किसी को जीवित न छोड़ा कि उन्हें गत में पहुंचाए; उस ने सोचा या, कि ऐसा न हो कि वे हमारा काम बताकर यह कहें, कि दाऊद ने ऐसा ऐसा किया है। वरन जब से वह पलिश्तियोंके देश में रहता है, तब से उसका काम ऐसा ही है।

12तब आकीश ने दाऊद की बात सच मानकर कहा, यह अपके इस्राएली लागोंकी दृष्टि में अति घृणित हुआ है; इसलिथे यह सदा के लिथे मेरा दास बना रहेगा।।

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