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Isaiah - यशायाह

अध्याय : 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66

01. समुद्र के पास के जंगल के विषय भारी वचन। जैसे दक्खिनी प्रचण्ड बवण्डर चला आता है, वह जंगल से अर्थात डरावने देश से निकट आ रहा है।
02. कष्ट की बातों का मुझे दर्शन दिखाया गया है; विश्वासघाती विश्वासघात करता है, और नाशक नाश करता है। हे एलाम, चढ़ाई कर, हे मादै, घेर ले; उसका सब कराहना मैं बन्द करता हूं।
03. इस कारण मेरी कटि में कठिन पीड़ा है; मुझ को मानो जच्चा पीडें हो रही है; मैं ऐसे संकट में पड़ गया हूं कि कुछ सुनाईं नहीं देता, मैं ऐसा घबरा गया हूं कि कुछ दिखाई नहीं देता।
04. मेरा हृदय धड़कता है, मैं अत्यन्त भयभीत हूं, जिस सांझ की मैं बाट जोहता था उसे उसने मेरी थरथराहट का कारण कर दिया है।
05. भोजन की तैयारी हो रही है, पहरूए बैठाए जा रहे हैं, खाना-पीना हो रहा है। हे हाकिमो, उठो, ढाल में तेल मलो!
06. क्योंकि प्रभु ने मुझ से यों कहा है, जा कर एक पहरूआ खड़ा कर दे, और वह जो कुछ देखे उसे बताए।
07. जब वह सवार देखे जो दो-दो कर के आते हों, और गदहों और ऊंटों के सवार, तब बहुत ही ध्यान देकर सुने।
08. और उसने सिंह के से शब्द से पुकारा, हे प्रभु मैं दिन भर खड़ा पहरा देता रहा और मैं ने पूरी रातें पहरे पर काटा।
09. और क्या देखता हूं कि मनुष्यों का दल और दो-दो कर के सवार चले आ रहे हैं! और वह बोल उठा, गिर पड़ा, बाबुल गिर पड़ा; और उसके देवताओं के सब खुदी हुई मूरतें भूमि पर चकनाचूर कर डाली गई हैं।
10. हे मेरे दाएं हुए, और मेरे खलिहान के अन्न, जो बातें मैं ने इस्राएल के परमेश्वर सेनाओं के यहोवा से सुनी है, उन को मैं ने तुम्हें जता दिया है।
11. दूमा के विषय भारी वचन। सेईर में से कोई मुझे पुकार रहा है, हे पहरूए, रात का क्या समाचार है? हे पहरूए, रात की क्या खबर है?
12. पहरूए ने कहा, भोर होती है और रात भी। यदि तुम पूछना चाहते हो तो पूछो; फिर लौट कर आना॥
13. अरब के विरुद्ध भारी वचन। हे ददानी बटोहियों, तुम को अरब के जंगल में रात बितानी पड़ेगी।
14. वे प्यासे के पास जल लाए, तेमा देश के रहने वाले रोटी ले कर भागने वाले से मिलने के लिये निकल आ रहे हैं।
15. क्योंकि वे तलवारों के साम्हने से वरन नंगी तलवार से और ताने हुए धनुष से और घोर युद्ध से भागे हैं।
16. क्योंकि प्रभु ने मुझ से यों कहा है, मजदूर के वर्षों के अनुसार एक वर्ष में केदार का सारा वैभव मिटाया जाएगा;
17. और केदार के धनुर्धारी शूरवीरों में से थोड़े ही रह जाएंगे; क्योंकि इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ने ऐसा कहा है॥

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